
नई दिल्ली, 12 नवंबर: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे की आलोचनाओं का जवाब दिया। ठाकरे ने हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार पर महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक अव्यवस्था का आरोप लगाया था।
गडकरी ने स्वीकार किया कि महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति वाकई खराब हो गई है, लेकिन उन्होंने किसी एक नेता को दोषी ठहराने से इनकार कर दिया। इसके बजाय, उन्होंने जनता की भूमिका पर जोर दिया और कहा कि आखिरकार नेता जनता को ही जवाबदेह होते हैं।
गडकरी ने कहा, “न्याय करने वाला कौन है? नियंत्रण किसके पास है? यह जनता है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर जनता भटकती हुई दिखती है, तो नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें सही दिशा में ले जाएं। गडकरी ने अपनी जिम्मेदारी पर जोर देते हुए एक उदाहरण साझा किया, जब उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान एक चुनौतीपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं से कहा था कि हो सकता है उन्होंने उनका विश्वास हासिल नहीं किया हो, लेकिन वह कड़ी मेहनत करके इसे पाने का प्रयास करेंगे। उनका यह अनुभव दर्शाता है कि नेताओं को जनता से संवाद करना चाहिए और आत्ममूल्यांकन करना चाहिए, न कि केवल दूसरों पर आरोप लगाना चाहिए।
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राज ठाकरे के साथ अपने संबंधों पर बोलते हुए गडकरी ने स्पष्ट किया कि उनकी दोस्ती राजनीतिक सीमाओं से परे है। उन्होंने कहा, “एक बार जब मैं किसी का हाथ थाम लेता हूं, तो फिर नहीं छोड़ता, चाहे वह मुसीबत में ही क्यों न हो,” इस बात पर जोर देते हुए कि वह राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद अपने व्यक्तिगत संबंधों को निभाते हैं।
गडकरी के इस बयान ने महाराष्ट्र में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है, खासकर जब राज्य की प्रमुख पार्टियों के बीच तीखी बयानबाजी जारी है।