कर्नाटक के मंत्री बीज़ेड ज़मीर अहमद खान ने एक नस्लभेदी टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को “कालिया” कहकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। यह टिप्पणी कुमारस्वामी की सांवली रंगत पर निशाना मानी जा रही है।
रविवार को चन्नापटना विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली के दौरान ज़मीर ने यह बयान उर्दू में दिया। यहां 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। खान ने कांग्रेस उम्मीदवार सीपी योगेश्वर का समर्थन करते हुए कहा, “हमारी पार्टी में कुछ मतभेदों के कारण उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उनके पास बीजेपी में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। वे जेडीएस में शामिल नहीं होना चाहते थे, क्योंकि ‘कालिया कुमारस्वामी’ बीजेपी से भी ज्यादा खतरनाक थे। अब वे (योगेश्वर) घर वापस आ गए हैं,” पीटीआई समाचार एजेंसी ने खान के बयान को उद्धृत किया।
इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए जेडीएस ने खान को कर्नाटक कैबिनेट से हटाने की मांग की है। जेडीएस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में खान को ‘नस्लभेदी’ करार देते हुए लिखा, “देवगौड़ा परिवार, जिन्होंने आपको राजनीतिक रूप से उठाया, उन्हें खरीदने की आपकी ताकत और लालच ज्यादा दिन नहीं टिकेगी।”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी X पर खान के बयान की निंदा करते हुए लिखा, “मैं कांग्रेस मंत्री ज़मीर अहमद द्वारा केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी को ‘कालिया कुमारस्वामी’ कहने की कड़ी निंदा करता हूं। यह नस्लभेदी टिप्पणी है, जैसे राहुल गांधी के सलाहकार ने दक्षिण भारतीयों को अफ्रीकी, पूर्वोत्तर भारतीयों को चीनी और उत्तर भारतीयों को अरब जैसा कहा था।”
वहीं, खान ने सफाई देते हुए कहा कि उनका इरादा कुमारस्वामी को आहत करने का नहीं था। उन्होंने पीटीआई से कहा, “मैंने कभी कोई अपमानजनक बात नहीं कही। मैं हमेशा कुमारस्वामी को ‘करियन्ना’ (काले भाई) कहता हूं। वही बात मैंने उर्दू में कही थी। बस इतना ही।” उन्होंने आगे कहा, “कुमारस्वामी मुझे ‘कुल्ला’ (बौना) कहकर बुलाते थे और मैं उन्हें ‘करियन्ना’ कहता था, यह बात तब से चली आ रही है।”
VIKAS TRIPATHI
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