
आम आदमी पार्टी (आप) ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दलित वोटरों को साधने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 607 सफाई कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री आतिशी और मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने एक कार्यक्रम के दौरान इन कर्मचारियों को नियमितीकरण पत्र सौंपे। इस मौके पर डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल, सदन के नेता मुकेश गोयल और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने शिक्षा और नियमितीकरण के माध्यम से वंचित वर्गों का समर्थन किया है। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि और डॉ. भीमराव अंबेडकर की नीतियों का हवाला देते हुए कहा, “हमारी सरकार सफाई कर्मचारियों को नियमित करने और समय पर वेतन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो कि पिछली सरकारों में नहीं हो पाया था।”
मेयर ओबेरॉय ने अरविंद केजरीवाल का संदेश पढ़कर सुनाया, जिसमें उन्होंने नियमित किए गए कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने पिछली सरकारों द्वारा वेतन वितरण में हुई देरी को स्वीकारा और आप सरकार के तहत सुधार की बात कही। केजरीवाल के संदेश में कहा गया, “हम अपने वादों को पूरा कर रहे हैं, जिसमें दलित समुदाय को प्रतिनिधित्व देना शामिल है।”
दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता सरदार राजा इकबाल सिंह ने बताया कि इन 600 से अधिक कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव 2021-22 में भाजपा शासित तीन नगर निगमों ने दिल्ली सरकार को भेजा था। हालांकि, उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस प्रस्ताव को लौटा दिया था। उन्होंने कहा, “यह नियमितीकरण पहले ही हो सकता था, अगर केजरीवाल सरकार ने उस समय प्रस्ताव को मंजूरी दी होती।”
इकबाल सिंह ने आप सरकार पर एमसीडी सहित विभिन्न विभागों में कुप्रबंधन का आरोप लगाया और दावा किया कि केजरीवाल पिछले दशक में निगम की वित्तीय स्थिति के पतन के कारण आलोचना से बचने के लिए कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें शुरू में इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया और बाद में बोलने का मौका भी नहीं दिया गया।