
बलिया। नरहीं थाना क्षेत्र में ट्रकों से अवैध वसूली के मामले में विभागीय जांच में तत्कालीन सीओ सदर शुभ सुचित, थानेदार पन्नेलाल सहित 23 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। आजमगढ़ के एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने दिसंबर 2024 में यह रिपोर्ट एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया को सौंपी थी।जांच में सामने आया कि भरौली गोलंबर पर यूपी-बिहार सीमा से गुजरने वाले ट्रकों से रोजाना पांच लाख रुपये तक की वसूली की जाती थी। इनमें बिहार से लाल बालू, कोयला और यूपी से शराब, गोवंश व खाद्यान्न लाने-जाने वाले वाहन शामिल थे।25 जुलाई 2024 को एडीजी मोर्डिया और तत्कालीन डीआईजी वैभव कृष्ण ने ट्रक खलासी बनकर छापा मारा था। मौके से दो सिपाही और 16 दलाल गिरफ्तार हुए। थानेदार पन्नेलाल कुछ समय फरार रहे, लेकिन बाद में गोरखपुर से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। उनके कमरे से एक लाल डायरी मिली, जिसमें वसूली के लेन-देन का रिकॉर्ड होने की आशंका है।
इस मामले में अदालत से बरी हुए छह पुलिसकर्मी बहाल हो चुके हैं। वहीं, चार आरोपी अब भी फरार हैं। मामले की एक अन्य जांच एएसपी उत्तरी चलियां अनिल कुमार झा द्वारा की जा रही है। राज्य सरकार ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों के तबादले और निलंबन के साथ संपत्तियों की जांच के आदेश भी दिए हैं।