नई दिल्ली / कोलकाता, 2 जुलाई 2025 — प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 1460 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्टर्ड अकाउंटेंट अनंत कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी कॉनकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (CSPL) और यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन सुबोध कुमार गोयल के बीच गठित ब्लैक मनी को वाइट करने वाले नेटवर्क की जांच के तहत की गई है।
फर्जी कंपनियों के जरिए हुआ करोड़ों का लेनदेन
ईडी की जांच में सामने आया है कि अनंत अग्रवाल ने कई फर्जी कंपनियों का निर्माण कर उनके माध्यम से करोड़ों रुपये का फर्जी लेन-देन किया। इन लेन-देन में बोगस अनसिक्योर्ड लोन, फर्जी शेयर पूंजी और अन्य फाइनेंशियल हेरफेर शामिल थे। बदले में अग्रवाल को मोटी रकम बतौर कमीशन प्राप्त हुई। वह कई ऐसी कंपनियों में भी पदाधिकारी रहे हैं, जो इस पूरे अवैध फंड मूवमेंट में सक्रिय रूप से शामिल थीं।
सुबोध गोयल के इशारे पर बनाया मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, यह नेटवर्क यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन सुबोध कुमार गोयल के इशारे पर तैयार किया गया था, जिन्हें इसी मामले में 16 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया था। जांच में सामने आया है कि गोयल ने CSPL को 1460 करोड़ रुपये से अधिक के लोन स्वीकृत किए, जो बाद में NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) में बदल गए।
इन लोन के बदले गोयल को नकद, कीमती संपत्तियां, लग्जरी सामान और विभिन्न सेवाएं रिश्वत के रूप में प्राप्त हुईं, जिन्हें छुपाने के लिए उन्होंने अग्रवाल की मदद से फर्जी कंपनियों का सहारा लिया।
कोलकाता की विशेष अदालत ने भेजा ईडी की हिरासत में
सीए अनंत अग्रवाल को गिरफ्तारी के बाद कोलकाता स्थित PMLA विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 जुलाई 2025 तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, हिरासत के दौरान अग्रवाल से नेटवर्क, लाभार्थियों और धन के उपयोग से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की जाएंगी।
दिल्ली-एनसीआर में भी ईडी की छापेमारी
ईडी ने मामले से जुड़े अन्य संदिग्धों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में कई स्थानों पर छापेमारी की है। छापों के दौरान नकद, सोना, महत्त्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। जांच में कुछ ऐसे लोगों की भी पहचान हुई है, जो आरोपी पक्षों से राहत दिलाने के नाम पर पैसे वसूल रहे थे।
जांच जारी, और बड़े खुलासों की संभावना
ईडी सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी पूरे बैंक घोटाले के नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने के लिहाज से महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है। आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े नामों और वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश हो सकता है।