कानपुर – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को अपने दो दिवसीय कानपुर प्रवास के दौरान छात्रों, व्यापारियों और आम नागरिकों से मुलाकात की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग और राष्ट्र निर्माण में व्यक्तिगत योगदान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “जो धन भारत में कमाया जाता है, वह भारत में ही खर्च होना चाहिए।”
स्वदेशी से स्वाभिमान और स्वावलंबन
आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. अनुपम के अनुसार, भागवत ने कहा, “स्वदेशी का संकल्प पहले स्वयं से शुरू करें, फिर अपने परिवार, मोहल्ले, शहर और राज्य तक इसका विस्तार करें।” उन्होंने यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए यह जरूरी है कि हम विदेशी उत्पादों की बजाय स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें।
देशभक्ति सिर्फ भाव नहीं, व्यवहार भी हो
भागवत ने कहा, “सच्ची देशभक्ति सिर्फ नारों या भावनाओं में नहीं, बल्कि रोजमर्रा के व्यवहार में दिखनी चाहिए। जब हम देश के निर्माण के लिए अपने जीवन का समय, साधन और प्रयास समर्पित करते हैं, तभी राष्ट्र की वास्तविक प्रगति संभव होती है।”
आरएसएस कार्यकर्ता कैसे होता है ‘साधक’
छात्रों और व्यापारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “एक छात्र अपनी पढ़ाई में जितना मन लगाकर काम करता है, उतनी ही तल्लीनता से एक व्यापारी को अपने व्यवसाय में लगना चाहिए। RSS कार्यकर्ता किसी भी कार्य को ‘साधना’ की तरह करता है — बिना किसी स्वार्थ के, पूरी निष्ठा और समर्पण से।”
‘भारत के लिए मैं क्या कर सकता हूँ?’ सोचें सभी
भागवत ने राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक उत्तरदायित्व और व्यक्तित्व निर्माण पर बल देते हुए कहा, “सेना और सरकार देश की रक्षा करते हैं, लेकिन समाज की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। हर नागरिक को स्वयं से यह प्रश्न करना चाहिए — ‘मैं भारत के लिए क्या कर सकता हूँ?’”
उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपने क्षेत्र में आदर्श नागरिक और प्रेरणास्रोत बनें। साथ ही यह भी कहा कि “संघ की गतिविधियों में नियमित रूप से हिस्सा लें, ताकि समाज और राष्ट्र के हित में सामूहिक चेतना विकसित हो सके।”
10 बैठकें और राष्ट्रहित की चर्चा
अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान मोहन भागवत ने संघ पदाधिकारियों के साथ करीब 10 बैठकें कीं। इन बैठकों में संगठनात्मक मजबूती, सामाजिक विषयों और आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। सोमवार को वे कानपुर से ट्रेन द्वारा पटना के लिए रवाना हो गए।